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यशवंत सागर का बैक वॉटर है गुलावट, प्री वेडिंग शूट वालों के कारण नजरों में आई ये खूबसूरत वैली

नासेरा मंसूरी। इंदौर से करीब 25 किलोमीटर दूर एक ऐसा पर्यटन स्थल मौजूद है, जो इंदौर के लोगों की नजरों में प्री वेडिंग शूट के कारण आया है। गुलावट लोटस वैली यशवंत सागर का बैक वॉटर है, जहां हजारों की संख्या में बैक वॉटर में कमल खिलते है, जिसे निहारने के लिए यहां पर्यटकों की भरमार होती है। सबसे ज्यादा भीड़ प्री वेडिंग शूट वालों के कारण होती है।

सुबह की पहली किरण के पहले यहां हजारों कमल के फूल खिलते देखना सुखद होता है। युवाओं के साथ ही यहां स्कूली बच्चों को भी पिकनिक के लिए बड़ी संख्या में लाया जाता है। हालांकि, गुलावट वैली में जाने का सबसे अच्छा समय सुबह 4 से 6 के बीच का है, जब वह कमल को खिलते हुए देख सकते है। यूं तो बारिश के मौसम में दिनभर ही यहां पर पर्यटकों की हलचल बनी रहती है। स्थानीय लोगों ने ही यहां पर बोट क्लब का संचालन भी शुरू कर दिया है। प्री वेडिंग शूट वाले तो बोट का इस्तेमाल करते ही है। यहां घूमने आने वाले लोग भी यशवंत सागर के बैक वाटर में बोटिंग का मजा लेते है।

रोजगार का जरिया बना :

गुलावट लोटस वैली के चर्चा में आने के बाद यहां से बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं, जिस वजह से गुलावट में बसे लोगों को रोजगार का एक अच्छा जरिया मिल गया है। वहीं के लोगों ने घोड़े, साइकिल, झूले लगाकर प्री वेडिंग शूट के साथ ही यहां घूमने आने वाले लोगों को इसे किराए पर देना शुरू किया है। भुट्टे, मैगी के साथ ही अन्य खानपान के सामान बेचकर यहां के लोग रोजगार चला रहे है।

पहुंच मार्ग नहीं है आसान :

गुलावट लोटस वैली के चर्चा में आने के बाद यहां सबसे कठिन डगर पहुंचना है। इसका पहुंच मार्ग इतना आसान नहीं है। हालांकि, अब इंदौर में स्थानीय प्रशासन से लेकर जनप्रतिनिधियों तक यहां के पहुंच मार्ग को आसान बनाने का बीड़ा उठाया है, लेकिन 25 किलोमीटर दूर बसे गुलावट में कुछ किलोमीटर का रास्ता बेहद कठिन है।

कई मामलों में असुविधाएं :

पिछले चार या पांच साल में नजरों में आई यह वैली भले ही पर्यटकों से गुलजार रहती हो, लेकिन यहां कई मूलभूत सुविधाओं की कमी है। इसमें सबसे प्रमुख शौचालय भी है। यहां आने वाले लोगों को शौचालय की कमी का सामना करना पड़ता है। ग्रामीण क्षेत्र होने के कारण ग्राम पंचायत ने कुछ सुविधाएं दी है, लेकिन इंदौर नगर निगम बैकवॉटर के कारण यहां शौचालय बनाने की अनुमति नहीं दे रहा है। कुछ निर्माण कार्य शुरू जरूर हुए थे, लेकिन रुक गए। हालांकि, पर्यटन विकास निगम और जिला प्रशासन अब जरूर कुछ काम करवाने की बात कर रहा है।

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